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Thursday 15 November 2012

मेरी दुआओं का'' टीका '' भैया के नाम ...आज भाई दूज पर विशेष .....

आज भाई दूज पर विशेष .....

मेरी दुआओं का'' टीका '' भैया के नाम ...

कुछ दुआओं की रोली ,खुशिओं के चावल
प्यार के मोतिओं से पिरोकर एक मौली
मैंने भेजी है भैया तेरे नाम की ...
कुछ ज़ज्बात हमारे इस बंधन के
कुछ यादें हमारे उस बचपन की
मैंने भेजी हैं भैया तेरे नाम की.....

आज परदेस बैठी तेरी बहन तेरी राह देखा करती है
तुम्हारे बचपन के पल याद कर बस मुस्कुरा दिया करती हैं
फिर आँखों से लगा  ''टीका '' तुम्हें  भेज दिया करती हैं
जानती हूँ ही तुम हो अपनी दुनिया में मस्त
हम बहने भी अपनी छोटी से बगिया में व्यस्त
बंद लिफाफे में समेट कर प्यार भेज दिया करती है .....


मन्नतों से जो तुम्हें  पाया था ,सर आँखों पे तुम्हे बिठाया था
इसलिए हर नाज़ हम बहनों ने तुम्हारा उठाया था
क्या हुआ जो हमसे दूर हो ,पर हमारी आँखों का नूर हो
तुम जिओ हजारों  साल ,पाओ ज़िन्दगी में हर मुकाम
ये दुआ है इस बहना की  तुम मुस्कुराओ सुबह शाम....

बचपन में जैसे टीका लगवाने को इतराते थे
भाग के माँ के आँचल में छुप जाया करते थे
आज भी भैया तुम बेशक इतरा लेना
पर मस्तक  अपने  टीका लगा लेना
कुछ  नहीं बस नेग स्नेह का भेज  देना

                                                  तुम्हारी बहना ....

4 comments:

  1. बहुत प्यारी....नेह से भीगी रचना....

    अनु

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  2. लाजवाब रचना है मोहक शब्द-संयोजन ! वाह !

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  3. Rashmiji bahot hi achhi rachnaae hai !! Best Of Luck !!

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  4. Aap sadev khush rahe or achha likhti rahe esi dil se prathna he !!

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